Tuesday, September 16, 2008

स्वमत-प्रकाश

जो नारी
नत होकर,
सम्मान सहित
अपना मत प्रकाश करती है--
एवं
उस विषय में
किसी को भी
हीन नहीं बनाती,
वह --
सहज ही
आदरणीया एवं पूजनीया होती है । 15

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