Sunday, September 14, 2008

धर्मकार्य

धर्मकार्य का अर्थ है
वही करना —
जिससे
तुम्हारा और तुम्हारे पारिपार्श्विक का
जीवन, यश और वृद्धि
क्रमवर्द्धन से वर्द्धित हो ;-
सोच, समझ, देख, सुनकर —
वही बोलो, --
और आचरण में
उसका ही अनुष्ठान करो,--
देखोगी —
भय और अशुभ से कितना त्राण पाती हो। 7

No comments: